۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
آیت اللہ العظمی شیخ بشیر نجفی

हौज़ा / पाकिस्तान के ज़ाएरीन के प्रतिनिधिमंडल ने नजफ अशरफ में मरजा तकलीद आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ शेख बशीर हुसैन नजफ़ी से मुलाकात की। इन प्रतिनिधिमंडलों में हुज्जतुल इस्लाम अल्लामा सय्यद शहंशाह हुसैन नकवी और एमपीए सय्यद असद अब्बास भी शामिल थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के ज़ाएरीन के प्रतिनिधिमंडल ने नजफ अशरफ में मरजा तकलीद आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ शेख बशीर हुसैन नजफ़ी से मुलाकात की। इन प्रतिनिधिमंडलों में हुज्जतुल इस्लाम अल्लामा सय्यद शहंशाह हुसैन नकवी और एमपीए सय्यद असद अब्बास भी शामिल थे।

आयतुल्लाहिल उज़्मा बशीर नजफ़ी ने तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले जाएरीन को ज़ियारत के लिए भारी कठिनाइयों और बलिदानों का सामना करना पड़ता था, लेकिन आज ये कठिनाइयां नहीं रहीं।

मरजा तकलीद ने इस बात पर जोर दिया कि ज़ियारत एक उद्देश्य के साथ की जानी चाहिए और ज़ाएरीन को दुआ करनी चाहिए कि अल्लाह उनकी ज़ियारत को स्वीकार करे।

उन्होंने आगे कहा कि हर व्यक्ति को मासूम की ज़ियारत के बाद पाप न करने और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लेना चाहिए।

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